Thursday, October 11, 2018

अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो


राहत इन्दौरी (जन्म: 1 जनवरी 1950) एक भारतीय उर्दू शायर और हिंदी फिल्मों के गीतकार हैं।वे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रह चुके हैं।



अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है,
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है |


लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में ,
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है |

मैं जानता हूँ के दुश्मन भी कम नहीं लेकिन,
हमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है |

हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है,
हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है |

जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे,
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है |

सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में,
किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है ||

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